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स्मृतियाँ
बूढ़े पिता की कमज़ोर होती स्मृति से परेशान होता बेटा एक शाम अनजान बूढ़े आदमी से मिलता है। स्वप्न और स्मृतियाँ एक दूसरे में मिल कर तीसरा यथार्थ रचने लगती…
Sep 26
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Akshat
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स्मृतियाँ
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May 2023
गोल्डन नीडल सीविंग स्कूल और एक तिलिस्मी शहर
अगर शब्द आपको मौत के पास ले जा सकते हैं तो फिर भी क्या आप लिखेंगे एक आख़री कविता?
May 7
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March 2023
मक़सूद मास्टर का स्वान गीत
मक़सूद मास्टर को लगा जैसे कपड़ा सीते सीते वो खुद को भी सीते जा रहे हैं।सुबह आँगन में बिल्ली के छोटे छोटे बच्चे यहाँ से वहाँ कूद रह रहे थे! वह पक्षी जैसे…
Mar 12
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Akshat
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January 2023
बोज़ो, पूनाची, बल्थज़ार और नीत्शे के आँसू
“निस्वार्थ जीव अपना जीवन त्रासदियों में ही बिताते हैं”, चाबुक से पीटते एक घोड़े को देख़ कैसे एक महान दार्शनिक का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, उस भाव के…
Jan 28
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Akshat
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"शब्द, समय और बस स्टैंड पर खड़ा एक साधारण आदमी"
गर्मियों में जब घर के सभी लोग दोपहर का भोजन करके ऊँघने लगते थे, हम बच्चे चुपके से छत की ओर भाग आते थे। उस दिन छत पर तीन बरनियाँ रखी हुयी थी, तीनों में…
Jan 6
7
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August 2022
पिता जा चुके हैं, अपना चश्मा और घड़ी भूल कर
पिता को अपने आज में शब्दों के सहारे खोजते तीन कवि। क्या ऐसा कभी हुआ है कि आप अपने कामकाजी शहर से कुछ दिनों के लिए घर लौटे हों और आपके पिता एक कहानी…
Aug 2, 2022
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May 2022
सिनेमा और आर्यभट्ट
एक निर्देशक की आँखो-देखी
May 18, 2022
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December 2021
सी-सी के क़िस्से
गुलदस्ते में फूल अब भी ज़िंदा थे, सी-सी की कजरी आँखों में नारंगी और पीले चमकते दिखे, एक पल के लिए उसे लगा उसके पीछे साँप हैं, फिर समझ आया उसकी ही पूँछ…
Dec 19, 2021
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July 2021
वंका
भाग 2। वंका और उस जोकर की आँखों के बीच में जो जगह थी वहां समय थम गया था और उस थमे हुए समय में वंका के भीतर एक ही दिशा में उसकी सारी इच्छाएं दौड़ रही थी।
Jul 21, 2021
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“वंका”
भाग-1 * पिता के दस्तानों में जहाँ जहां से उन उधड़ गया था, वंका अपने पीले दस्तानों से उन्हें ढकने की कोशिश करने लगा पर कोई ना कोई छेद खुला ही रह जाता *
Jul 20, 2021
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Akshat
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प्रेम में दुनिया
खिड़कियों के बाहर सुनहरे आसमान में डूबते सूरज के ठीक सामने से होकर झुंड में गुज़र रही हैं विशालकाय मछलियाँ व्हेल मछलियाँ!
Jul 19, 2021
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Akshat
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नानी को याद करते हुए
Pierre Cardin की जेब-घड़ी मेरे हथेलियों में थमाते हुए नानी ने कहा था कि इसको “तुम ही रखो! तुम ही सम्भाल पाओगे! रख लो नहीं तो कोई भी घुमा देगा!” घड़ी के…
Jul 18, 2021
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Akshat
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