मक़सूद मास्टर को लगा जैसे कपड़ा सीते सीते वो खुद को भी सीते जा रहे हैं।सुबह आँगन में बिल्ली के छोटे छोटे बच्चे यहाँ से वहाँ कूद रह रहे थे! वह पक्षी जैसे…

January 2023

“निस्वार्थ जीव अपना जीवन त्रासदियों में ही बिताते हैं”, चाबुक से पीटते एक घोड़े को देख़ कैसे एक महान दार्शनिक का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, उस भाव के…
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गर्मियों में जब घर के सभी लोग दोपहर का भोजन करके ऊँघने लगते थे, हम बच्चे चुपके से छत की ओर भाग आते थे। उस दिन छत पर तीन बरनियाँ रखी हुयी थी, तीनों में…

August 2022

पिता को अपने आज में शब्दों के सहारे खोजते तीन कवि। क्या ऐसा कभी हुआ है कि आप अपने कामकाजी शहर से कुछ दिनों के लिए घर लौटे हों और आपके पिता एक कहानी…

May 2022

एक निर्देशक की आँखो-देखी

December 2021

गुलदस्ते में फूल अब भी ज़िंदा थे, सी-सी की कजरी आँखों में नारंगी और पीले चमकते दिखे, एक पल के लिए उसे लगा उसके पीछे साँप हैं, फिर समझ आया उसकी ही पूँछ…
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July 2021

भाग 2। वंका और उस जोकर की आँखों के बीच में जो जगह थी वहां समय थम गया था और उस थमे हुए समय में वंका के भीतर एक ही दिशा में उसकी सारी इच्छाएं दौड़ रही थी।
भाग-1 * पिता के दस्तानों में जहाँ जहां से उन उधड़ गया था, वंका अपने पीले दस्तानों से उन्हें ढकने की कोशिश करने लगा पर कोई ना कोई छेद खुला ही रह जाता *
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खिड़कियों के बाहर सुनहरे आसमान में डूबते सूरज के ठीक सामने से होकर झुंड में गुज़र रही हैं विशालकाय मछलियाँ व्हेल मछलियाँ!
Pierre Cardin की जेब-घड़ी मेरे हथेलियों में थमाते हुए नानी ने कहा था कि इसको “तुम ही रखो! तुम ही सम्भाल पाओगे! रख लो नहीं तो कोई भी घुमा देगा!” घड़ी के…
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June 2021

एक कवि की मृत्यु के ठीक बाद उठता है आकाश-गंगा में धुआँ ...
कुछ देर से हल्की बारिश हो रही थी! अचानक सड़क पर चलते हुए, उसे एक सिल्वर सिगरेट बॉक्स पड़ा मिला। काया तुरंत वहाँ चली गयी;