ओवरकोट-लैब Newsletter
Subscribe
Sign in
Home
Archive
About
“वंका”
भाग-1 * पिता के दस्तानों में जहाँ जहां से उन उधड़ गया था, वंका अपने पीले दस्तानों से उन्हें ढकने की कोशिश करने लगा पर कोई ना कोई छेद खुला ही रह जाता *
Jul 20, 2021
•
Akshat
2
Share this post
“वंका”
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
1
New
Top
Community
स्मृतियाँ
बूढ़े पिता की कमज़ोर होती स्मृति से परेशान होता बेटा एक शाम अनजान बूढ़े आदमी से मिलता है। स्वप्न और स्मृतियाँ एक दूसरे में मिल कर तीसरा यथार्थ रचने लगती…
Sep 26
•
Akshat
1
Share this post
स्मृतियाँ
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
गोल्डन नीडल सीविंग स्कूल और एक तिलिस्मी शहर
अगर शब्द आपको मौत के पास ले जा सकते हैं तो फिर भी क्या आप लिखेंगे एक आख़री कविता?
May 7
5
Share this post
गोल्डन नीडल सीविंग स्कूल और एक तिलिस्मी शहर
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
मक़सूद मास्टर का स्वान गीत
मक़सूद मास्टर को लगा जैसे कपड़ा सीते सीते वो खुद को भी सीते जा रहे हैं।सुबह आँगन में बिल्ली के छोटे छोटे बच्चे यहाँ से वहाँ कूद रह रहे थे! वह पक्षी जैसे…
Mar 12
•
Akshat
6
Share this post
मक़सूद मास्टर का स्वान गीत
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
बोज़ो, पूनाची, बल्थज़ार और नीत्शे के आँसू
“निस्वार्थ जीव अपना जीवन त्रासदियों में ही बिताते हैं”, चाबुक से पीटते एक घोड़े को देख़ कैसे एक महान दार्शनिक का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, उस भाव के…
Jan 28
•
Akshat
4
Share this post
बोज़ो, पूनाची, बल्थज़ार और नीत्शे के आँसू
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
3
"शब्द, समय और बस स्टैंड पर खड़ा एक साधारण आदमी"
गर्मियों में जब घर के सभी लोग दोपहर का भोजन करके ऊँघने लगते थे, हम बच्चे चुपके से छत की ओर भाग आते थे। उस दिन छत पर तीन बरनियाँ रखी हुयी थी, तीनों में…
Jan 6
7
Share this post
"शब्द, समय और बस स्टैंड पर खड़ा एक साधारण आदमी"
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
पिता जा चुके हैं, अपना चश्मा और घड़ी भूल कर
पिता को अपने आज में शब्दों के सहारे खोजते तीन कवि। क्या ऐसा कभी हुआ है कि आप अपने कामकाजी शहर से कुछ दिनों के लिए घर लौटे हों और आपके पिता एक कहानी…
Aug 2, 2022
5
Share this post
पिता जा चुके हैं, अपना चश्मा और घड़ी भूल कर
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
सिनेमा और आर्यभट्ट
एक निर्देशक की आँखो-देखी
May 18, 2022
2
Share this post
सिनेमा और आर्यभट्ट
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
See all
ओवरकोट-लैब Newsletter
A hindi newsletter where we serve cross culture food for soul.
Subscribe
ओवरकोट-लैब Newsletter
Subscribe
About
Archive
Sitemap
Share this publication
ओवरकोट-लैब Newsletter
overcoat10.substack.com
Copy link
Facebook
Email
Note
Other
A hindi newsletter where we serve cross culture food for soul.
By Akshat
· Launched 3 years ago
Subscribe
No thanks
By registering you agree to Substack's
Terms of Service
, our
Privacy Policy
, and our
Information Collection Notice
This site requires JavaScript to run correctly. Please
turn on JavaScript
or unblock scripts