जब आप एक फ़िल्म बना रहे होते हैं तब आप एक नये समय की नक़्क़ाशी कर रहे होते हैं। ये ढाई या तीन घंटे वाक़ई में ढाई या तीन घंटे हो सकते हैं या इतने ही साल या हज़ार साल।
सही कहा what you see is what you get. "एक इंडस्ट्री का प्रभाव हर दूसरी इंडस्ट्री पे पड़ रहा है। फ़िल्मी सितारे किस समय कहाँ जा रहे हैं, जिम से किस तरह के कपड़े पहन कर निकल रहे हैं, ये सब कैप्चर करने के लिए पापराज़ी हमेशा तैनात रहते हैं,............................. आप हमारी पर्सनल स्पेस में घुस रहे हैं, जैसे हमारा निजी जीवन भी इतना ख़ास है की उसे कैप्चर किया जाना चाहिए। दिशाहीन कर रही है सिनेमा/सोशल मीडिया/कैमरा फिलहाल । बढ़िया विश्लेषण लेखक साहब ।
Shandar, Wah!!
Pura Cinema ka dour hi padh liya ho aur aage aane wale cinema k bhavishya ke sawalon ki chunkar rakh liya ho. ❤️ shandar!!
Thank you master :)
सही कहा what you see is what you get. "एक इंडस्ट्री का प्रभाव हर दूसरी इंडस्ट्री पे पड़ रहा है। फ़िल्मी सितारे किस समय कहाँ जा रहे हैं, जिम से किस तरह के कपड़े पहन कर निकल रहे हैं, ये सब कैप्चर करने के लिए पापराज़ी हमेशा तैनात रहते हैं,............................. आप हमारी पर्सनल स्पेस में घुस रहे हैं, जैसे हमारा निजी जीवन भी इतना ख़ास है की उसे कैप्चर किया जाना चाहिए। दिशाहीन कर रही है सिनेमा/सोशल मीडिया/कैमरा फिलहाल । बढ़िया विश्लेषण लेखक साहब ।
इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद आपका राजेश भाई! हम सब information को wisdom से confuse करने लगे हैं! थोड़ा सजग रहना होगा