मक़सूद मास्टर को लगा जैसे कपड़ा सीते सीते वो खुद को भी सीते जा रहे हैं।सुबह आँगन में बिल्ली के छोटे छोटे बच्चे यहाँ से वहाँ कूद रह रहे थे! वह पक्षी जैसे ही अपनी तेज़ कर्कश आवाज़ में चिल्लाया, बिल्ली के बच्चों के साथ एकपल के लिए चाचा भी सहम गए थे। चाचा ने उसे छड़ी दिखायी, वो दो पंजे पीछे हुआ पर बैठा रहा। एक एक करके चाचा ने सारे बच्चों को पकड़ कर घर केअंदर कर दिया! पर उसकी नज़रें जैसे मक़सूद चाचा पर ही जमी हूयी थी।पड़ोस के बेग बाबू ने अपनी छत से चिल्ला कर उन्हें बताया था
मक़सूद मास्टर का स्वान गीत
मक़सूद मास्टर का स्वान गीत
मक़सूद मास्टर का स्वान गीत
मक़सूद मास्टर को लगा जैसे कपड़ा सीते सीते वो खुद को भी सीते जा रहे हैं।सुबह आँगन में बिल्ली के छोटे छोटे बच्चे यहाँ से वहाँ कूद रह रहे थे! वह पक्षी जैसे ही अपनी तेज़ कर्कश आवाज़ में चिल्लाया, बिल्ली के बच्चों के साथ एकपल के लिए चाचा भी सहम गए थे। चाचा ने उसे छड़ी दिखायी, वो दो पंजे पीछे हुआ पर बैठा रहा। एक एक करके चाचा ने सारे बच्चों को पकड़ कर घर केअंदर कर दिया! पर उसकी नज़रें जैसे मक़सूद चाचा पर ही जमी हूयी थी।पड़ोस के बेग बाबू ने अपनी छत से चिल्ला कर उन्हें बताया था