नरेश सक्सेना की कविताओं में जितनी सहजता और सरलता होती है उतना ही विवेक भी होता है! जैसे अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से वो समूची दुनिया की बेहतरी के लिए एक संदेश छोड़ रहे हैं जो हर बच्चे-बूढ़े को कंठस्थ होना चाहिए प्रस्तुत है कवि की डायरी से एक कविता जो एक अनोखी मासूमियत लिए आपको बिन बताए आपके भीतर चली जाएगी।
मछलियाँ
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नरेश सक्सेना की कविताओं में जितनी सहजता और सरलता होती है उतना ही विवेक भी होता है! जैसे अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से वो समूची दुनिया की बेहतरी के लिए एक संदेश छोड़ रहे हैं जो हर बच्चे-बूढ़े को कंठस्थ होना चाहिए प्रस्तुत है कवि की डायरी से एक कविता जो एक अनोखी मासूमियत लिए आपको बिन बताए आपके भीतर चली जाएगी।