जाने पहचाने अजनबी
कुछ देर से हल्की बारिश हो रही थी! अचानक सड़क पर चलते हुए, उसे एक सिल्वर सिगरेट बॉक्स पड़ा मिला। काया तुरंत वहाँ चली गयी;
सालों पहले, उन दिनों में जब वे दोनो साथ कोलाबा की भीगी सड़कों पर रात में एक नीले छाते को आसमान बनाकर घूमने निकल ज़ाया करते थे । उसके पास ऐसा ही सिल्वर बॉक्स था बस उसमें नीचे की तरफ़ एक सितारा बना हुआ था, काया ने सिगरेट बॉक्स को पलट के देखा! वो अवाक खड़ी रह गयी। क्या इतने सालों बाद वो भी इस शहर में लौट आया है, या इतने सालों से इसी शहर में रह रहा है?
काया भरे हुए मन से वहीं खड़े-खड़े सोचने लगी कि जिसे वो बरसो से खोज रही है वो यहीं था, आस पास, चंद किलो-मीटर के दायरे में?
लैम्प की पीली रोशनी और भीगी सड़क पर तैरती रोशनी में, काया के हाथों में वो सिल्वर सिगरेट बॉक्स चमक रहा था
एक छवी काया तक पहुँची, उसने काया को आवाज़ दी
“सुनिए”
नीले छाते के नीचे खड़ा आदमी कोई और था, वो नहीं जिसे काया जानती थी! वो एक-टक सिगरेट बॉक्स को देख़ता रहा
काया ने सिगरेट बॉक्स उसकी तरफ़ बढ़ाया, उस आदमी ने अपना सामान वापस लिया और बदले में एक “शुक्रिया “ देकर चल पड़ा
काया बहुत समय तक शून्य में देखते रही, समय की गहरायी में मिले जीवाश्म को ओझल होते हुए
एक बार फ़िर वह अजनबियों की तरह टकराकर आगे निकल गया और काया पीछे रह गयी
लाल बस से निकली रोशनी में काया भी घुलते हुए ओझल हो गयी।
image by Mar Catarina