"क्लर्क की वसीयत"
क्लर्क की वसीयत -
चौकोर खिड़की वाला छोटा कमरा
tubelight के अग़ल-बग़ल भिन-भिनाते कीड़े
अब पीला पड़ चुका है, एक गति से घूमता सफ़ेद पंखा
सीलन खायी छत के कोने से दरवाज़े तक पहुँचती एक दरार,
स्विच बोर्ड! तीन बराबर और एक छोटे पैर वाली कुर्सी पे लदी गद्दी
और फ़ाइलों के नीचे दबा लकड़ी का टेबल
मोटा रजिस्टर, पुराना कैलकुलेटर
कमज़ोर होती आँखें, चौड़ी फ़्रेम का ऐनक
स्टाम्प, रसीद और हस्ताक्षर
इस कमरे में बस तीन चीज़ें एक गति से चलती हैं
उप्पर लटका पंखा
दीवार घड़ी
और नीचे बैठे क्लर्क की कलम
जो अब तक, दफ़्तरी भाषा में लिख चुकी है हज़ारों लाखों औपचारिक शब्द
कभी ईमानदार अंकों की अदृश्य कविता
कभी ग़बन के अप्रकाशित सरकारी उपन्यास !
इन्ही के बीच कहीं छुपी है क्लर्क की वसीयत