Pierre Cardin की जेब-घड़ी मेरे हथेलियों में थमाते हुए नानी ने कहा था कि इसको “तुम ही रखो! तुम ही सम्भाल पाओगे! रख लो नहीं तो कोई भी घुमा देगा!” घड़ी के सफ़ेद डायल पर पीलापन चढ़ रहा था! या इतने सालों में पूरा चढ़ कर फिर उतर रहा था? काँटे टूट कर काँच की रिम के पीछे अटके रह गए थे। चेन को पकड़ के रखने वाला हुक टूटा हुआ था।
हम सब अपने अपने बूढ़े आइने
एक दूसरे को सौंपते जा रहे हैं बहुत ही बेहतर लिखा है👌
Mujhe apni naani yaad gayin yeh padh ke. Thanks for putting it in words :)
👌👌❤
बहुत सुंदर।